झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दुसरा दिन




 रांची (आपकासमाचार)। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर सदन में हंगामा किया। सदस्य वेल में आ गये। जम कर नारेबाजी हुई। इस कारण प्रश्नकाल नहीं हो पाया। अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की। दूसरी पाली में हंगामे के बीच 4296 करोड़ 62 लाख रुपये से अधिक का प्रथम अनुपूरक बजट पारित हुआ। वहीं, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन में पेश की। इस रिपोर्ट में राज्य के राजस्व संग्रह में बकाया राशि का खुलासा किया गया है।

भाजपा ने हंगामा किया : सूर्या हांसदा मामले को लेकर भाजपा ने सदन के अंदर और बाहर हंगामा किया। सोमवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के विधायकों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। उन्होंने सूर्या हांसदा एनकाउंटर की जांच सीबीआइ से कराने और रिम्स-2 के लिए अधिग्रहित जमीन आदिवासियों को वापस करने की मांग की। विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये। 

सत्ता पक्ष के सदस्य भी वेल में आये : विपक्ष ने जैसे ही हंगामा शुरू किया और वेल में आये, सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी शोर-शराबा श्ुरू कर दिया। सत्ता पक्ष के विधायक भी संविधान के 130वें संशोधन और एसआइआर के मुद्दे को लेकर वेल में पहुंच गये। उन्होंने ‘तानाशाही बंद करो’ और ‘वोट चोरी करना बंद करो’ जैसे नारे लगाये। 

प्रश्नकाल और शून्यकाल बाधित : सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने दोनों पक्षों से शांत रहने की अपील की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने प्रश्नकाल चलाने का आग्रह किया, लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 

विधायी कार्य हुए संपन्न : शोर-शराबे के बीच सरकार ने विधायी कार्यों को पूरा किया। सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई, तो संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने झारखंड में एकीकृत वित्तीय प्रणाली पर सीएजी के प्रतिवेदन को पटल पर रखा। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने अनुपूरक बजट में सम्मिलित अनुदान मांग रखी। बाद में भाजपा के सत्येंद्र तिवारी ने कटौती का प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।

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