झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन: पहली पाली में हंगामा, दूसरी में चली कार्यवाही


झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) 2025 सहित पांच विधेयक पास

ल्लअतिवृष्टि पर सदन में विशेष चर्चा हुई बारिश से राज्य में 486 लोगों की मौत हुई 



रांची (आपकासमाचार)। झारखंड विधानसभा सदन में गठबंधन दल के सदस्यों का एसआइआर के विरोध में हंगामा दूसरे दिन भी जारी रहा। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से एसआइआर के विरोध में सदन से प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने एसआइआर के विरोध में सदन में प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण में ऐसी शर्तें रखी गयी हैं कि गरीब, शोषित, वंचित लोग मतदान से वंचित हो जायेंगे। एसआइआर के अंतर्गत वर्तमान में अपनायी गयी पद्धति से भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होगी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अत: मैं प्रस्ताव करता हूं कि यह सभा भारत के चुनाव आयोग के द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए वर्तमान में अपनायी गयी पद्धति का विरोध करती है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा कर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं, प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये लोग (सत्ता पक्ष) मतदाता सूची में किसका नाम दर्ज कराना चाहते हैं। कांग्रेस विरोध क्यों कर रही है, यह समझ में नहीं आता। झारखंड में एसआइआर नितांत जरूरी है। यहां की डेमोग्राफी बदल रही है। एसआइआर के विरोध प्रस्ताव लाना रोहिंग्या और बंग्लादेशियों को मतदाता बनाने की साजिश है। बहुमत का मतलब यह नहीं कि देश और राज्य के साथ इस तरह का कदन उठाये। ये किसे बचाना चाहते हैं, जनता देख रही है। भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा वोट चोरी करती तो आप सत्ता में नहीं होते।

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