पूर्व मंत्री एनोस एक्का और पत्नी मेनन को सात साल की सजा

 रांची (आपकासमाचार)। सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन खरीदने के 15 साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का को सात साल कारावास की सजा सुनायी गयी। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है। सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने शनिवार को यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने शुक्रवार को एनोस एक्का और मेनन एक्का समेत 10 लोगों को दोषी करार दिया था। एनोस एक्का पर सीएनटी की धारा 46 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 16 साल पहले 1.18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदने का आरोप है। फर्जी पते का इस्तेमाल करने का आरोप: एनोस एक्का पर मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जी पते का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसकी मदद तत्कालीन एलआरडीसी ने की थी। प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन की खरीदारी की गयी थी। मेनन एक्का के नाम से खरीदी गयी थी जमीन : एनोस ने मेनन एक्का के नाम से हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़ से अधिक, रांची के नेवरी में चार एकड़ से अधिक, चुटिया के सिरम मौजा स्टेशन रोड में नौ डिसमिल जमीन खरीदी थी। सभी जमीन की खरीदारी मार्च 2006 से मई 2008 के बीच की गयी थी। सीबीआइ ने 2010 में दर्ज की थी प्राथमिकी: हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने 4 अगस्त 2010 को एनोस एक्का समेत अन्य पर एफआइआर दर्ज की थी। सीबीआइ ने जांच पूरी करते हुए दिसंबर 2012 में चार्जशीट दाखिल की थी। जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था। मामले में एनोस एक्का समेत अन्य पर 5 नवंबर 2019 को आरोप तय किया गया था। इसके बाद सीबीआइ ने सबूत पेश किया था।

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